घोर नक्सलवाद से जूझ रहें छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था का हाल कैसा है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनकी सभा में रिवाल्वर लेकर पहूँच गया था एक युवक। भला हो मुख्यमंत्री के सुरक्षा स्टॉफ का जिसने भीड़ में बैठे युवक को पकड़कर बाहर निकाल लिया।
हालांकि रिवाल्वर लायसेंसी था लेकिन रिवाल्वर लेकर सभास्थल तक पहूँच जाना और सामने की पंक्तियों में बैठ जाना मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलने के लिये काफी पुख्ता सबूत है। वैसे भी राजधानी रायपुर तक नक्सलवादियों की आवाजाही दर्ज हो चुकी है। ऐसे में पुलिस का सुरक्षा इंतजाम तगड़ा होना चाहिये लेकिन आज शाम हुई इस घटना ने पुलिस की चाक-चौबंद इमेज के चिथड़े उड़ा दिये।
पुलिस ने जितने इंतजाम मुख्यमंत्री की सुरक्षा के लिये नहीं किये उससे ज्यादा इस खबर को छिपाने के लिये किये। पहले ही लगातार चोरियों, हत्या, लूट जैसी वारदातों से राजधानीवासी परेशान और आंतकित थे। इस नये झमेले ने पुलिस व्यवस्था पर और कई सवाल खड़े कर दिये है।
मुख्यमंत्री जैसे जिम्मेदार पद पर बैठे व्यक्ति की सुरक्षा व्यवस्था किस तरह की जा रही है ये आज सामने आ गया है। वैसे भी नक्सलियों के खिलाफ तीखे तेवर अपनाने वाले और सलवा-जुडुम की जमकर वकालत करने वाले मुख्यमंत्री पहले ही नक्सलियों की आंख की किरकिरी बनी हुई है। ऐसे में उनकी सुरक्षा व्यवस्था में सेंध लगना पुलिस के लिये कलंक से कम नहीं है। ये तो गनीमत है कि वो युवक लायसेंसी रिवाल्वर लेकर पहूँचा था अन्यथा कोई अपराधी उसकी जगह होता तो होने वाले अनर्थ की कल्पना से ही रूह कांप उठती है। ऐसे में छत्तीसगढ़ की पुलिस की बदनामी नहीं होगी तो क्या तारीफ होगी।
12 comments:
कहते हे ना पुलिस आप की दोस्त हे , तो आप मे चोर उच्चके भी शामिल हे, वाह री भारतीया पुलिस.
आप का धन्यवाद,एक सुन्दर खबर देने के लिये
Bahut acchi kabar hai
ये तो सच में खबर है। नकसलियों के बीच में रहते हुए ऐसी लचर सुरक्षा। महान हैं ये पुलिसवाले।
भारत में रिवाल्वर का लाइसेंस ले लेना शौर्य का प्रतीक है। आप उस शौर्य की महिमा कम करना चाहते हैं! :)
यह पुलिस कितनी जागरूक और कारगर है यह आतंकवाद की आज की हालत और आपकी पिछली कुछ पोस्ट्स में वर्णित कारगुजारियों से पता लग ही रहा है.
आपकी तेज नजर से ये ख़बर भी बच नही सकी !
वरना हमारे यहाँ ये आम बात है ! धन्यवाद इस
ख़बर के लिए !
यही हाल रहा तो अगली पोस्ट में शायद आप लिखें....लोग तोप लेकर पहुंच रहे हैं।
:)
अच्छी पोस्ट।
Anilji, hamare desh men yahi hota hai. yahan suraksha par utana dhyan nahin diya jata jitna is par diya jata hai ki suraksha achhi hai aisa dikhe. apne se bade adhikari ki chamchagiri se fursat mile to nichala adhikari apni duty poori kar sake. mukhya mantri ka yah haal hai, aam admi to hatheli par apni jaan liye chalta hai. jai ho, mera desh mahan.
पांडे जी से सहमत हूँ.....
" very strange and shocking"
Regards
पुसदकर जी आपने ठीक कहा की पुलिस के अधिकारी सुरक्षा ब्यवस्था छोड सब कुछ कर रहे है। इसकी एक बानगी देखिए की एन्टी करप्शन ब्यूरो इकाई की कार्यवाहियो मे शिथिलता आ गई है,यहां पदस्थ अधिकारी बिभागीय काम के अलावा सब कुछ कर रहे है।इस समय अधिक सख्यां मे अधिकारियो की पदस्थापना अपने लोगो को उपकृत करने के लिये की गई है । पहले लगभग प्रत्येक माह रिश्वतखोरों पर कार्यवाही हो रही थी, वर्तमान में यह शिथिलता कहीं इस बात की घोतक तो नही कि भ्रष्टाचारियो से इनकी मिली भागत हो गई है।स्वीकृत पदों के विरुद्ध अधिक अधिकारीयों की पदस्थापना क्यों, किसलिये ? जबकि दूसरी ओर नक्सली इलाकों मे भेजने के लिये अधिकारी नहीं मिल रहे हैं, डी.जी.पी. का यह वक्तव्य की क्या नक्सली क्षेत्र के थानों मे ताले लगा दिये जायें ! एक ओर ए.सी.बी. बिलासपुर इकाई में स्वीक्रत पदों के स्थान पर अधिक अधिकारी पदस्थ करना तथा दूसरी ओर स्वीकृत पदो की पूर्ती न करना , दोहरी मापदन्ड का घोतक प्रतीत होता है । इस इकाई की कार्यवाहीयों मे शिथिलता ओर दूसरी ओर भ्रष्टाचार मे बढोत्री सरकार के नाक में दम किये हुए है ,बिलासपुर कार्यालय मे पदस्थ अधिकारी इस समय बिभागीय काम करने के अलावा सब कुछ कर रहे है। भृष्टाचार मे लिप्त अधिकारियो से इनकी मिली भगत जग जाहिर है। सूत्रो के अनुसार बिलासपुर इकाई के प्रभारी अधिकारी डी एस पी इस बिभाग मे लम्बे समय से तैनात है जिसके कारण भृष्टाचारियो से उनके सम्बन्ध मधुर हो गए है।सूत्रो के अनुसार दूसरे डी.एस..पी..की आय से अधिक समप्ति तथा भृष्टाचार की शिकायत इसी बिभाग मे लम्बित है लेकिन अपने प्रभाव के कारण यही पदस्थ है और यहां रह कर अन्य ब्यवसायिक गतिविधियो को सचांलित कर रहे है\ चर्चा है की एक रायपुर मे ब्यवसायिक काम्पलेक्स के निर्माण की तैयारी मे ब्यस्त रह रहे है।यहां पदस्थ अधिकारियो के कारण लम्बित मामलो के आरोपी भी निश्चिंत होकर भृष्टाचार को अजांम दे रहे है।बिलासपुर मे जारी मिलीभगत पर आई जी और एसपी क्यो चुप है समझ से परे है।
छत्तीसगढ की हाईटेक पुलिस को भृष्टाचार से फुर्सत नही है, सुरक्षा व्यवस्था क्या खाक करेगी !
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