आईएएस अफसरों तक से रिश्वत माँगी जा रही है छत्तीसगढ़ में तो आम आदमी की हालत का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। आईएएस अफसर भी रिश्वतखोरी की शिकायत अपने संघ के अध्यक्ष से कर रहे हैं। सोच लीजिए क्या स्थिति है अफसरशाही की छत्तीसगढ़ में।
प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर छत्तीसगढ़ का विकास तो हो रहा है लेकिन उतनी तेज़ी से नहीं जितना होना चाहिए अच्छी ख़बर के लिए सोचना पड़ता है और खराब ख़बरें तो जैसे छत्तीसगढ़ की खदानों में फैले खनिज और रत्नों की तरह बिखरी पड़ी है। डामर घोटाला, चावल घोटाला, धान घोटाला, खदान घोटाला, और न जाने कितने घोटाले हो चुके हैं छत्तीसगढ़ में। अब ऊब सी होने लगी है घोटालों के बारे में बात करते हुए।
न चाहकर भी अपने ही प्रदेश के बारे में आड़ी-तिरछी ख़बर लिखना पड़ जाता है। क्या करें मजबूरी है ? आईएएस अफसरों तक से विभागीय परीक्षा में पास होने के लिए रिश्वत माँगी जा रही है। अब बताईए भला कि इस ख़बर को भी क्या नहीं बताया जाए। अब मैं प्रदेश का मुख्यमंत्री तो हूँ नहीं जो बड़ी आसानी से ये कह दूँ कि ऐसा कोई मामला मेरी जानकारी में नहीं है। मैं ये भी नहीं कह सकता कि मामला मुख्य सचिव स्तर का है। मुझे तो इस ख़बर को सबको बताना ज़रूरी था सो सबको बता रहा हूँ।
मामला गंभीर है, और एक नए राज्य के लिए तो और भी ज्यादा। ज़िला पंचायत कोरिया के सीईओ अंबलगन पी. ज़िला पंचायत रायपुर के सीईओ अमित कटारिया, मुकेश कुमार, रजत कुमार, राजेश कुमार टोप्पो, ओमप्रकाश चौधरी, अंकित आनंद, सीआर प्रसन्ना, सोलई, भारती दासन के हस्ताक्षरों वाला शिकायत पत्र आईएएस अफसरों के संघ के अध्यक्ष को मिला। कुल जमा 113 आईएएस अफसरों में से 10 ने लिखित शिकायत की है। शिकायत कुछ और लोगों को भी है लेकिन वे सामने नहीं आए। अब बताईए करीब-करीब 10 प्रतिशत आईएएस अफसर खुद रिश्वत खोरी से परेशान है और इससे मुक्ति की माँग कर रहे हैं।
रिश्वतखोरी तो गंभीर मामला है ही, लेकिन अगर आईएएस अफसर शारीरिक हमले या मारपीट की शिकायत करें तो समझ लीजिए कि उनकी स्थिति इस प्रदेश में क्या है ? ये आरोप साधारण नहीं है और इन्हें लगाने वाले भी मामूली लोग नहीं है इसलिए इसकी गंभीरता छत्तीसगढ़ में अराजकता की स्थिति को बयां कर रही है।
अब सवाल ये उठता है कि क्या जूनियर आईएएस अफसरों को उनके संघ के अध्यक्ष क्या न्याय दिला पाएँगे ? ये सवाल इसलिए सामने आता है क्योंकि प्रदेश के सबसे वरिष्ठ आईएएस अफसर बी.क.ेएस. रे खुद राज्य सरकार की नाइंसाफी का एक नहीं दो-दो बार शिकार हो चुके हैं। पहली बार उन्हें किनारे कर उनसे जूनियर शिवराज सिंह को मुख्य सचिव बना दिया गया था और दूसरी बार फिर शिवराज सिंह से भी जूनियर पी.जॉय ओमेन को उनके हिस्से की कुर्सी पर बिठा दिया गया। अब जो खुद ही नाइंसाफी का शिकार होता आ रहा हो वो दूसरों को इंसाफ दिला पाए इसमें मुझे तो थोड़ा शक ही है। आईएएस अफसरों को न्याय मिलेगा या नहीं ये समय बताएगा लेकिन विभागीय परीक्षा पास करने के लिए आईएएस अफसरों से रिश्वत माँगने का मामला इस नए प्रदेश की हालत को बयां कर रहा है।
13 comments:
बेहद शर्मनाक और अफसोसजनक !!
दुखद; पर आश्चर्य नहीं हुआ। सिस्टम में सड़न बहुत भर गयी है।
आईएएस अफसरों को न्याय मिलेगा या नहीं ये समय बताएगा लेकिन विभागीय परीक्षा पास करने के लिए आईएएस अफसरों से रिश्वत माँगने
का मामला इस नए प्रदेश की हालत को बयां कर रहा है।
जब आईएएस अफसरों से रिश्वत मांगी जा सकती है तो आम जनता का तो ईश्वर ही मालिक है ! बहुत दुखित करने वाले समाचार है साथ ही बहुत ही शर्मनाक भी !
बेहद शर्मनाक स्थिति है, बडे भाई अच्छा खुलासा किया है एवं अपने पत्रकारिता धर्म का बेहतर निर्वहन किया है ।
jab IAS oficer doosron se rishvat le sakte hain, to unse bhi maangi jaani chahiye.
h-h-ha.
अफ़सोस जनक एंव शर्मनाक !!शायद आपकी कलम का कुछ असर दिखे !!
ye to Bahut hi sarmnak hai.
क्यों भाई जब कुछ आईएस ही रिश्वत मांगते हैं तो उनसे क्यों न माँगा जाय ? क्या वे अति विशिष्ट हैं इसलिए उन्हें बख्शा जाय -बात कुछ हजम नहीं हुयी ! यह दुष्चक्र उनकी ही देन है -लौह दीवार कब की भरभरा चुकी है .अब तुम भी भुगतो !
आपका तर्क सटीक नहीं है -रिश्वत लेना देना कानूनन अपराध है चाहे यह आई ए एस के लिए हो या चपरासी के लिए .इसकी मांग किसी से नहीं की जा सकती !
hmm kahi se to shuru hona hi tha
hamesha ek sawal raha ki aakhir police main har aadmi kyu beimaan hai
shayad seekh kar yahi aata hai
क्या होगा इस देश का जहां हर डाल पर भर्ष्टाचारी बेठे हे, क्या यही लोग हमारे देश का भाव्षिया बनाये गे.
बहुत धन्यवाद
यकीन नहीं होता की हम इतना गिर सकते हैं.
"Inspite of its well known that bribe is a crime, yet also...??? how shameful it is"
Regards
खाने वालों को देना पड़ा तो शिकायत हो गई?
सही है।
आज हमारी कल तुम्हारी देखो लोगों बारी-बारी।
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