Thursday, November 27, 2008

चीरहरण के समय हँसती और फ्लाईँग किस करती द्रौपदी को दिखा कर हिँदू धर्म का कौन सा सम्मान किया जा रहा है?

एक माईक्रोपोस्टऔर .टीवी पर अमूल के थर्मोवियर के विज्ञापन मे ठण्ड से बचने के लिये बहुत से किस्से दिखाये हैँ,उनमे से एक है द्रौपदी का चीरहरण .इसमे द्रौपदी को हँसते हुए और फ्लाईँग किस करते हुए दिखाया गया है.ये मामला मैँ इसलिये उठा रहा हूँ ,क्योँकी दो दिन पहले ही विश्व हिँदू परिषद के नेता अशोक सिँघल ने साध्वी प्रज्ञा के साथ हुये व्यवहार को द्रौपदी के साथ हुये व्यवहार जैसा माना था. मुझे ऐसा लगा कि नेताजी दौपदी के मान-सम्मान का ख्याल रखते होँगे.मगर आज-तक इस विज्ञापन के खिलाफ इस देश मे कोई आवाज नही उठी है.मधुशाला सालो बाद किसी धर्म-विशेष के लिये अपमांनजनक हो सकती है मगर द्रौपदी का फ्लाईँग किस करना नही? अब सवाल ये उठता है कि चीरहरण के समय हँसती और फ्लाईँग किस करती द्रौपदी को दिखा कर हिँदू धर्म का कौन सा सम्मान किया जा रहा है?

16 comments:

Unknown said...

पूरी तरह सहमत, भाऊ प्रोफ़ाइल का फ़ोटो बदल दिया, छोटे भाई का है क्या? :) :)

Gyan Dutt Pandey said...

यह ब्राण्ड तो पहले भी भोंडे विज्ञापन दिखाती रही है।

roushan said...

विज्ञापन कौन सा मौलानाओं से तार्किक होते हैं
लेकिन हम कहना चाहेंगे कि ये नोटिस लिए जाने लायक भी नही होते मजहब का सम्मान अपमान तो छोड़ दीजिये

bijnior district said...

आप विलकुल सही कहते है। हमारे सम्मानियों,देवी ,देवताआें के रोज मजाए उड़ाए जा रहे हैं आैर हम चुप रह जाते। धर्म की राजनीति करने वालों को अपनी रोटी ही तो सेकनी है।

ताऊ रामपुरिया said...

सहमत हूँ ! आप कुछ जवान हो गए हैं ! बधाई :)

NIRBHAY said...

bahut bada shockabsorber hai "Bhagwan" word hindu logon ka. Jo jaisa karega waisa fal dega bhagwan, galat karega Pap lagega, yeh thought humare hindu dharma me hai jiska fayda Gandu log udhate hai. Mujhe to aisa lagta hai jisne advertisement ki kalpana ki hai usi ki saggi Bahan hogi woh model. AMUL DUDH PITA HAI INDIA ab mujhe sochana pad raha hai ki yeh dudh char than wala hai ki ad wali ka do than ka hai.

राज भाटिय़ा said...

अनिल जी कालेज के जमाने फ़ोटू चिपकाया है क्या, या फ़िर बेटे का फ़ोटो लगा दिया, जनाब आज तो बहुत जबान दिख रहै है :)

आप की ात ठीक है लेकिन यह बात तो जरुर उठानी चाहिये, यह नेता अब कहा सो गये, क्या उन्हे नही दिखाई देता यह सब,

विवेक सिंह said...

आप विलकुल सही कहते है।

Anonymous said...

हिंदू देवी देवताओ का मजाक बनाना , उनके उलटे सीधे चित्र बनाना, इस प्रकार के कार्यो से आप अपना सेकुलर व्यक्तित्व उजागर करते है. सभी महान सेकुलर लोगो को देखिये राम सिर्फ़ तुलसी के दिमाग की उपज है राम सीता भाई बहन थे , लक्षमण की सीता पर बुरी नजर थी , सीता रावण को भगाकर ले गई ये सब इतिहास मे पडाया जाना बी सेकुलरता का उदाहरण है जी. जरा इसाई समुदाय के बारे मे पूछ कर देखिये कोई स्त्री बिना पुरुष के संसर्ग के कैसे बच्चे को जन्म दे सकती है ? अगर किसी के बाप का नाम नही पता तो वह हरामी कहलाता है ?
नही कह सकते ना तथाकथित ये सेकुलर लोग ना ही वो ड्रामे बाज हुसैन पेंटर ना ही उसके लगुये भगुये
लेकिन हिंदू धर्म मजाक उडाने के लिये कोई दिक्कत नही जी ्यही सेकुलरता है

Anil Pusadkar said...

सुरेश जी,ताऊ जी और भाटिया जी,मेरा फ़ोटो बिल्कुल ताज़ा है।इसे खिंचा है हितवाद के फ़ोटो जर्नलिस्ट रूपेश यादव ने,और ब्लोग पर डाला है संजीत त्रिपाठी ने।वैसे इस तस्वीर के नये होने एक गवाह और है,वे है राजीव रंजन।उनके रायपुर प्रवास के दिन की ही तस्वीर है।वैसे भाटियाजी आज-तक़ अपन अकेले है,बेटे का तो सवाल ही नही उठता। आप लोगो का तारीफ़ के लिये शुक्रिया अब काम पर डबल जोश से लग सकता हूं। हा हा हा हा हा…………॥

Unknown said...

भारत में हिंदू धर्म और उसकी मान्यतावों का मजाक उड़ना ही सेकुलरिज्म है... किसी की ताकत नही है जो मुसलमानों या इसाइओ के बारे में ग़लत बोल के दिखा दे... भले ही वो बिना पिता के नाम के उत्पन्न संतान हो या और कुछ... अगर कोई एसा बोल दे तो उसके नम पर फतवा है... हिंदू तो सबसे बेबस दिखता है, जिसे जो चाहे बोल ले

Shiv said...

विज्ञापन वालों को सतर्क रहने की ज़रूरत है लेकिन पिछले सालों में ढेर सारे विज्ञापन देखकर ख़राब लगा. ये विज्ञापन भी उन्ही में से एक है.

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

तस्वीर देखकर मजा आ गया. दूसरी बात अगर यही बात किसी अन्य धर्म के साथ की गई होती तो देश जल उठता. यही अन्तर हिन्दू को औरों से अलग करता है, फिर भी हिन्दू को आतंकी बताया जाता है.

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद said...

हां भई, हमारे धर्म का मखौल उडाना तो सभी का जन्मसिद्ध अधिकार है।

Abhishek Ojha said...

'किसी धर्म-विशेष के लिये अपमांनजनक' होता तो कुछ कार्यवाही भी होती वर्ना किसे पड़ी है !

सागर नाहर said...

हिन्दू अगर इस विज्ञापन करें तो सेक्यूलर लोग कहेंगे यह तो सरासर अभिव्यक्‍ति की स्वतंत्रता पर हमला है।