आप लोगो के सामने रख रहा हूं एक माईक्रोपोस्ट।छोटू उर्फ़ संजेश मुद्लियार,एकदम बिंदास,हमेशा हंसने और हंसाने वाला असीरियस टाईप का इंसान्। अकल होते हुये भी अकल से पैदल ही साबित करता रहा खूद को आज-तक़। आधी रात को फ़ोन करके तंग करने का आदी छोटू अंट-शंट एस एम एस करने का भी शौकिन्।कल रात उसने एक एसएमएस किया जिसे पढकर मैने उसे गालिया नही बकी बल्कि कुछ सोचने पर मज़बूर हो गया। हालांकि वो एसएमएस उसका ओरिजिनल आईडिया नही था,किसी ने उसे भेजा और उसने मुझे फ़ारवर्ड़ कर दिया।उस एसएमएस को जस का तस पेश कर रहा हूं।
सुरक्षा कारणो से आई पी एल के मैच विदेश मे खेले जायेंगे,
एक दिन ऐसा भी सुनेंगे कि 15 अगस्त को तिरंगा लंदन मे फ़हरायेंगे॥
जागो इंडिया जागो॥
13 comments:
हां ताऊ लोगों की चली तो वो दिन भी आसकता है. पर अब जनता इतनी बेहोश भी नही है, इन ताऊओं कि यह चाल सफ़ल नही होगी.
रामराम.
बड़ी सीरियस बात कह गये संजेश जी!!
पुसादकर जी,
क्या हुआ कि खेल विदेश में हो रहे हैं? पंद्रह अगस्त हमारा राष्ट्रीय त्यौहार है, अगर इसे कोई विदेशी भी मनाता है तो क्या बुराई है? IPL के लिए भारी भरकम सुरक्षा व्यवस्था चाहिए, लेकिन हमारे हर गाँव में, स्कूलों में, ऑफिसों में सब जगह मनाये जाने वाले पंद्रह अगस्त के लिए कोई फोर्स नहीं चाहिए. तो हमें परेशान होने की कतई जरुरत नहीं है .
सचमुच सोंचने को मजबूर कर रही है यह एस एम एस।
हर नए विचार का स्वागत ...
क्या जागें?! दिल्ली अभी दूर है!
अच्छा व्यंग्य है जी!
ये फ़्रेन्चाइज़ि लोग बिस्नेस्मेन है अनिल जी ,इन्हें क्रिकेट से कुछ लेना देना नहीं....जब शाहरुख़ सुनील गावस्कर जैसे एक इंसान को जिसने क्रिकेट को अपना पूरा जीबन दे दिया ओर देश को एक सम्मान भी दिया .इस उम्र में क्रिकेट खेलना सिखा सकते है...सोचिये कल को अगर कोई क्रिकटर उन्हें एक्टिंग के फंडे देने लगे.....चुनाव देश के लिए महत्वपूर्ण है .पर इन्हें अपना फायदा नुकसान देखना है .हैरान तो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की इस बारे में समझदारी भरी चुप्पी से लेकर हूँ....उन्हें विज्ञापन जो चाहिए.....
तिरंगा लंदन में फहराने के बाद प्रधान मंत्री का भाषण बिग बेल घंटाघर की छत से होगा:)
सटीक चिंता है यह
आपकी ये माइक्रोपोस्ट बहुत ही लाजवाब रही..
... कमाल की अभिव्यक्ति है, सुपर्व !!!!!
क्यों टेंशन ले रहो हो अनिल भाई! आईपीएल एक कम्पनी है, वह अपनी फैक्टरी-ऑफिस दुनिया में कहीं भी खोल सकती है। उसे अपने मुनाफे से मतलब है, कहीं भी मिले।
आईपीएल क्या, ये जिसे भारत के क्रिकेट प्रेमी टीम इंडिया के नाम से पुकारते हैं, वो भी एक कम्पनी है। खुद BCCI हलफ्नामा दे चुकी है कि वो देश का प्रतिनिध्त्व नहीं करते, देश के लिए नहीं खेलते।
हम आप यूँ ही खाना खराब किए हुए हैं।
हालांकि SMS का व्यंग्य अपनी जगह है।
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