Friday, June 12, 2009

ये तो चमत्कार हो गया प्रभु-3

तो कब से रिपोर्ट करेगा बे,भ्रष्टराष्ट्र ने अपने स्टाईल मे मुझसे पूछा।मैने कहा रायपुर की रिपोर्ट तो डेली दे दूंगा।कर दी ना बे घटिया लोकल रिपोर्टरो जैसी बात। अबे मैं तेरे से सारे देश की रिपोर्ट देने के लिये कह रहा हूं और तू साले रायपुर मे ही अटका हुआ है।मगर महाराज सारे देश मे तो मेरे कान्टेक्ट है नही फ़िर इतना टूर कैसे कर पाऊंगा।टूर! करिया बोला काहे का टूर बे!सब यही से रिपोर्ट करना।मैने कहा यानी टेबल स्टोरी।नही मुझे ओरिजिनल स्टोरी होना।मगर मै सारे देश्……… तेरा प्राब्लम ये है ना सारे देश पर नज़र कैसे रखेगा?एक्ज़ेक्टली महाराज, मैने कहा। इस पर भ्रष्टराष्ट्र हंसा तू पूछ रहा था ना बे ये आपका नाम धृतराष्ट्र से मिलता है।तो चल उसी के स्टाईल मे काम कर लेंगे।मै तुझे संजय जैसी पावर दे देता हूं।संजय कौन?संजय गांधी।अबे धृतराष्ट्र वाला संजय समझा।तो क्या मुझे वार की रिपोर्टिंग करनी होगी।वार भी तो भ्रष्टाचार का भाई ही है बे।मै बोला जो आज्ञा महाराज।



भ्रष्टराष्ट्र ने कहा चल आंखे बंद कर और देख।मैने कहा महाराज खसक गये हो क्या आंखे बद कर कोई कैसे देख सकता है।अबे उल्लू मै जो कह रहा हूं कर्।मैने आंखे बंद की तो असली चमत्कार देखा।मुझे बंद आखों से दिखाई देने लगा था।क्यों बे दिखा कुछ।मैने कहा महाराज यू आर ग्रेट्।मुझे सब दिखाई दे रहा है।बता तो साले क्या दिखाई दे रहा है।महाराज चारो ओर आपकी जय-जयकार है,सर्वव्यापी भ्रष्टाचार है,छाया हुआ अत्याचार है,तहलका मचा रहा बलात्कार है,जिधर देखो उधर व्याभीचार है,मर रहा है गरीब,हर ओर हाहाकार है।जय हो महाराज जय हो। अबे चुप।साले ये शोले के अमिताभ स्टाईल की तारीफ़ मै अच्छी तरह समझता हूं।वो जो तुझे दिखाई दिया ना सब अपने आदमी है।उनको ऊंगली नही करने का।उनको प्रमोट करने का और उनपर नज़र रख कर सब की कमाई की रिपोर्ट अपुन को देने का क्या।समझा बिड़ू।



मै चमक गया अचानक भ्रष्टराष्ट्र को क्या हो गया,ठेठ मुम्बईया स्टाईल मे आ गया।मैने कहा महाराज ये मुम्बईया स्टाईल अचानक्…महाराज ने मेरी बात काट कर पूछा वसूली सबसे तगड़ी कंहा होती है? मैने कहा मुम्बई मे गुरू।महाराज बोले अबे श्याणे सुन।जितना लिफ़्ट दिया हूं न उतना ही चढने का। नई तो लालू बना दूंगा।गलती हो गई महाराज मैने कहा।तो मै क्या कह रहा था।मुम्बई महाराज मुम्बई।हां अपुन को भी इन साला हरामी लोगो से वसूली करने का है।साला लोग काम अपुन का नाम लेकर करता है और माल दूसरे देवता लोगो को चढाता है।दूसरे देवता लोगो का पब्लिसिटी होती है और अपुन फ़्री मे बदनाम होता है।जो देखो साला भ्रष्टचार को गाली दे रहा है और कर साला हर कोई रहा है।

मैने धीरे से आपत्ति जताई,ये तो गलत बात है महाराज आप हर किसी को नही लपेट सकते।देश मे ईमानदार लोगो की कमी नही है।क्या बोला बे।किस्की नौकरी कर रहा है पता है ना।इसिलिये साले तू कहीं टिक नही पाता।तू क्या किसी नेशनल न्यूज़ चैनल का ट्कला एडिटर है बे जो हर बात पे मुंह मारेगा।कंहा है बे ईमानदार बता तो?देखो महाराज मैने भी कभी भ्रष्टाचार नही किया और आपकी भाषा मे शिष्टाचार नही लिया।तो,तू ईमानदार हो गया।ईमानदार हूं या नही ये अलग बात है महाराज मै भ्रष्ट नही हूं। अच्छा,तो ये बता पिछले साल अपने भांजे को छुट्टी से वापस भेजते समय टिकट कैसे लिया था।क्या मतलब?मै थोड़ा कंझाया।महाराज बोले बता ना टिकट कैसे लिया था।साले मंत्री के लैटर पैड पर वी आई पी कोटे से टिकट लिया था ना।मै नही जानता,मैने तो एजेंट को रूपये दिये थे।कितने?क्या मतलब?अबे टिकट से ज्यादा क्यों दिये थे।मेरी मर्ज़ी।मर्ज़ी नही बे,अगर नही देता तो टिकत मिलता ही नही। और जो ज्यादा का रूपया था न जिसे तुम लोग दफ़्तर का खर्च बोलते हो वो भी भ्रष्टाचार है,मंत्री का लैटर पैड लगाना भी वही है।समझा।चला ईमानदार बनने।

महाराज का प्रवचन शुरु था।मेरी बोलती बंद थी।महाराज ने कहा जिनको तू ईमानदार बता रहा है न वो ईमानदार नही है।मै बोला तो आप ही बता दो ईमानदार कौन है।सुनना चाहता है ना तो सुन्।जिन लोगो मे बेईमानी करने की हिम्मत नही होती वे खुद क्प बताते है ईमानदार,जैसे तू।मनुष्य तो स्वाभाविक चोर है। अब ये बात अलग है कुछ लोग बहादुरी से मेरा अनुसरण करते है और तमाम प्रकार के सुखों का उप्भोग करते हुये मृत्युलोक मे भी स्वर्ग का आनंद लेते है और मृत्युपरांत भी स्वर्ग को प्राप्त करते हैं। और लोग होते हैं जो उतनी हिम्मत नही करते और मन ही मन सुख प्राप्ति की अभिलाषा रखते हुये खुद को तो ईर्ष्या की आग मे भस्म करते ही है पूरे परिवार को अतृप्त रख कर नर्क के भागीदार हो जाते हैं।

अब तक़ मेरा दिमाग आऊट हो गया था।मैने कहा महाराज ये अंट-शंट बकना बंद करो।कौन मानेगा इस बात को कि बेईमान स्वर्ग जाता है और ईमानदार नर्क़। अबे किसी के मानने नही मानने से क्या फ़र्क़ पड़ता है।साले ईमानदारी से जीकर, सरकारी स्कूल मे बच्चो को पढाकर,बुढे मां-बाप को लाईन लगाकर सरकरी अस्पताल से दवा दिलाकर,जवान बहन को अधेड़ होने तक़ दहेज़ के अभाव मे विवाह के सपने दिखा कर कौन सा स्वर्ग मिलता है बे।सरकारी स्कूल मे पढ्ते बच्चे अपने दोस्तो से कहते है क्या करे यार हमारा बाप ईमानदार है।बूढी हो चली बहन अपने विवाह की अंतिम ईच्छा के भरोसे जी रहे मां-बाप से दबी आवाज मे बताती है कि भैया के अण्डर मे काम करने वाले बड़े बाबू ने अपनी बहन की शादी मे मोटर साईकिल,फ़्रिज और टीवी दिया है,बीबी मायके वालो को कोसती फ़िरती है और कोई नही मिला दुनिया मे इस ईमानदार के सिवा। आज तक़ एक सोने का हार लाक्र नही दिये है।पड़ोस की सारी औरते आये दिन कुछ न कुछ लाकर दिखाती है देखो उन्होने ये लाया वो लाया।क्या पूरे परिवार की इच्छाओ को बस समाज के चंद लोगो से मिलने वाली झूठी तारीफ़ के बदले इस तरह कुचलने वाले को स्वर्ग मिल सकता है?मेरे सिर पर जैसे कोई हथौड़ा मार रहा था। मैने कहा बस करो महाराज।महाराज बोले बस साले तुझे सुनना पड़ेगा।बड़ा ईमानदार बनता है ना। ………………… और भ्रष्टराष्ट्र ने क्या-क्या कहा बताऊंगा एक छोटे से ब्रेक के बाद। आप भी बताईयेगा कैसा लग रहा है महाराज का प्रवचन। आपकी राय मेरा हौसला बढाती है।

18 comments:

अनिल कान्त said...

Maharaj Break lamba mat kheechna...
program majedar hai :) :)

ताऊ रामपुरिया said...

जल्द लौटिये..बहुत बढी हुई टी.आर.पी. है जी.

रामराम

राजकुमार ग्वालानी said...

बहुत ही धांसू लिखेला है बॉस, अब इस पर फिलम-विलम बनवा डालो, सच्ची, साला सुपर-डुपर हिट फिलम बनेगा। फिलम फेयर क्या साला आस्कर वाला भी इंडिया में आकर आस्कर देना मांगेगा, तो बिडू देर काहे करेला है, मान डालो अपनू का सलाह और दे डालों फिलम बनाने का एक सुपारी। इस फिलम को अखा दुनिया का भाषा में बनाने का, क्या ताकि हर भाषा का लोग देख कर वाह-वाह करना मांगता, क्या...

डॉ महेश सिन्हा said...

विचित्र किन्तु सत्य , और जब रामचंद्र जी कह गए हैं ऐसा कलयुग आएगा तो हम सामान्य जन क्या कर सकते हैं

Science Bloggers Association said...

यथार्थ का आइना दिखा दिया आपने।

-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }

डॉ महेश सिन्हा said...

भ्रष्टाचार की परिभाषा ही बदलनी पड़ेगी . पहला पत्थर वो मारे जिसने कभी भ्रष्टाचार नहीं किया हो . इस मुद्दे पे एक राष्ट्रीय आयोग बनाया जाना चाहिए कि क्या भ्रष्टाचार है ओर क्या शिष्टाचार . क्या घूस है ओर क्या कमीशन . क्या रिश्वत है ओर क्या बकसीस

राज भाटिय़ा said...

बाबा आप की सभी बातो से सहमत है, राम राम जी की

vijay kumar sappatti said...

namaskar sir,

ye desh ab banaana country hote ja raha hai ..kya kahun ..aapne bbhrashtachaar par itna behatreen lekh likha hai par id desh ko kab akl aayengi aur mahesh ji ne bhi sahi kaha hai ..


badhai sweekar karen

dhanywad,
vijay

pls read my new poem :

http://poemsofvijay.blogspot.com/2009/05/blog-post_18.html

दिनेशराय द्विवेदी said...

प्रवचन बाकायदे शुरू हो गई है। शैली पकड़ ली है। संजय की पावर मिल गई है। अब क्या है? औसामा से औबामा तक सब की खबर मिलेगी।

दीपक said...

जिद्दो ने तर्के ताल्लुख तो कर लिया लेकिन
सुकुन उसे भी नही, बेकरार मै भी हुँ !!

जबान कहती है सारा कुसुर उसका था
जमींर कहता है कुछ जिम्मेदार मै भी हुँ !!

रंजना said...

उफ़.....लाजवाब...बस लाजवाब.....सिम्पली ग्रेट....

मजा आ गया पढ़कर...

राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगर said...

JITNA LIFT DIYA HAI UTANAA HI CHADNE KA NAHIN TO LAALOO BANAA DOONGA.
waaaaaaah!!!!! kya baat hai....

Anonymous said...

बंधु रे, चलते रहना

Anonymous said...

ओह मैं थोड़ा सा चूक गया, तो ये भ्रष्टराष्ट्र महाराज वास्तव में कोई आसुरी शक्ति ना होकर खुद को देवता बताते हैं. कलयुग के कलयुगी देवता ?? प्रवचन भी ऐसे धाँसू अंदाज में देते हैं कि सामने वाला चारों खाने चित्त. बहुत खूब......

साभार
हमसफ़र यादों का.......

Nitish Raj said...

वाह अनिल भाई, कल दो पढ़े थे और आज तीसरा भी पढ़ लिया है। बहुत ही मजेदार लग रहा है, पहले एपिसोड में लगा नहीं था कि मामला ऐसे टर्न लेगा। अच्छा ज्ञान बघार रहे हो पर यार टकला-वकला एडिटर मत कहो यार मरवाओगे क्या....ज्ञान जारी रहे और लंबाई भी इतनी ही तो अच्छा रहेगा। ताऊ जी ने सही कहा है टीआरपी हाई है।

नीरज मुसाफ़िर said...

चमत्कार??
ये अब चमत्कार नहीं रह गया.

योगेन्द्र मौदगिल said...

वाह.. भाई जी वाह...
निरन्तर मज़ा......... वाह

महेन्द्र मिश्र said...

Abhi tak achcha laga ab Break ke baad ka padhenge maharaaj ji . badhiya hai ....