Tuesday, June 23, 2009

ये चड्डी बनियान वाले ना होते तो लगता है इलेक्ट्रानिक मीडिया नंगा हो जाता!

पेश है एक माईक्रो पोस्ट आदरणीय ज्ञान गुरजी को समर्पित।इलेक्ट्रानिक मीडिया पर जब नज़र डालो चड्डी बनियान के ही विज्ञापन नज़र आ जाते हैं।कभी लक्स कोज़ी,तो कभी अमूल माचो।कभी माईक्रोमैन,तो कभी स्वागत अण्डर वीयर बनियान्।यानी विज्ञापनो का मामला हो तो चड्डी बनियान गिरोह सबसे अव्वल नज़र आता है।कभी कभी तो ऐसा लगता है कि घोर मंदी के इस दौर मे चड्डी बनियान वाले न होते तो इलेक्ट्रानिक मीडिया नंगा ही हो जाता।लिखने को तो बहुत कुछ है इस विषय पर,पर अपनी ही चड्डी बनियान खींचना ठीक नही है।बाकी आप सब समझदार हैं।

30 comments:

Anonymous said...

किसी टीवी चैनल में नौकरी ना मिल पाने का
इतना मलाल।

दिनेशराय द्विवेदी said...

चलो चड़्डी बनियान तो हैं इन के पास। ये न होते तो।

राज भाटिय़ा said...

बाप रे !भाई सुना है लोग बाग अब खास दिनो मे चड्डी भी भेजते है एक दुसरे को , तो यह टीवी बाले कुछ दिन पहले ही चड्डियो की याद दिल देते है, काली चड्डी लाल चड्डी , गुलाबी चड्डी.....
चलिये देखिये खुब चड्डियां

Asha Joglekar said...

आप तो अंदर की बात को बाहर ले आये ।

Udan Tashtari said...

हम तो समझे चड्डी बनियान गिरोह की बात करने वाले हो :)

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

चड्डी बनियान और उसका विज्ञापन दोनों पूरक धंधे हैं.

अजय कुमार झा said...

अरे क्या बात करते हैं अनिल भाई...बीच बीच में मैंने तो वो बहत्तर घंटे वाला ..ज्ञानवर्धक...शिक्शावर्धक..और पता नहीं क्या क्या वर्धक ...विज्ञापन भी देखा है....

ताऊ रामपुरिया said...

भाई हमारे इधर जब पुलिस को कोई बात चोरी डकैती का इल्जाम लगाना होता है तो उसको चड्डी बनियानधारी गिरोह के नाम मढ दिया जाता है.

रामराम.

दिगम्बर नासवा said...

पर ये तो अन्दर की बात है............. आपने सब के सामने खुल दी..........तो चलो अब तुम भी आगे आओ

PD said...

thik bole hain aap..
main bhi hamesha yahi sochta hun ki news valon ko hi itna ad in sabka kyon milta hai?

विनोद कुमार पांडेय said...

सही कहा आपने,
मीडिया ही नही बहुत सारे लोग हैं इस धरती पर जो के कहने को तो इंसान है पर देखो तो बस नग्नता दिखा रहे है..

धन्यवाद,

रंजना said...

मैं जो कहना चाह रही थी आशा जी ने पहले ही कह दी....

....अन्दर की बात बाहर ले आये....

Gyan Dutt Pandey said...

कभी कभी तो ऐसा लगता है कि घोर मंदी के इस दौर मे चड्डी बनियान वाले न होते तो इलेक्ट्रानिक मीडिया नंगा ही हो जाता।
-----------
अभी तो चड्डी-बनियान के समक्ष नंगा हुआ है!

Satyendra PS said...

भाई मंदी में जो मिल जाए वही सही। चाहे वह चड्ढी बनियान हो या सांडहा आयल

रंजन said...

ये अन्दर की बात है!!!:)

प्रवीण शुक्ल (प्रार्थी) said...

bhut khub mitr kya baat hai

प्रवीण शुक्ल (प्रार्थी) said...

bhut khub mitr kya baat hai

डॉ महेश सिन्हा said...

इनका बस चले तो इसे भी उतार फेंके

Anonymous said...

सबके अपने अपने गिरोह है भई!

Anonymous said...

ये अन्दर की बात है .... अपना लक पहन के चलो :-)

Kirtish Bhatt said...

जैसे चैनल....वैसी खबरें .... और वैसे ही विज्ञापन.

वेद रत्न शुक्ल said...

आप लोग अनजाने में गलती कर रहे हैं। इनसे अच्छे हैं 'कच्छा बनियान' गिरोह वाले। अगर रात में मिल जाएं तो शर्माना तो नहीं पड़ेगा। इनमें शर्म शेष है इसलिए बाहर खुले में चड्ढी की जगह कच्छा पहनकर निकलते हैं। टीवी वाले तो हमारे ड्राइंग रूम में चड्रढी पहनकर न जाने कौन-कौन सी हरकतें करते हैं। सूचना एवं प्रसारण मन्त्रालय न जाने कहां है?
गौरतलब है कि 'चड्ढी-बनियान गिरोह' की जगह आमतौर पर 'कच्छा-बनियान गिरोह' उल्लिखित किया जाता है।

Anonymous said...

ये अंदर की बात है जनाब....... :-)

साभार
हमसफ़र यादों का.......

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' said...

आप का ब्लाग अच्छा लगा...बहुत बहुत बधाई....
एक नई शुरुआत की है-समकालीन ग़ज़ल पत्रिका और बनारस के कवि/शायर के रूप में...जरूर देखें..आप के विचारों का इन्तज़ार रहेगा....

admin said...

अरे वाह, आप तो काफी समझदार आदमी हैं।

ह ह हा।

-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }

प्रदीप मानोरिया said...

बहुत चुटीले और संक्षिप्त बात लेकिन बहुत गहरी बधाई

राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगर said...

बच्चे (इलेक्टानिक मीडिया) की जान ही लोगे क्या?
ये चड्डी-चड्डी क्या है? ये चड्डी-चड्डी क्या है?
स्वतन्त्रता पर हमला है आपकी पोस्ट.....बचो हमला संस्कृति पर है....जी हाँ चड्डी संस्कृति पर....
वाह!!!!

कुश said...

ऐसा ही रहा तो जल्द ही चड्डी बनियान बेचने के दिन आ जायेंगे

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद said...

क्या कमल के हार का राज़ भी ये चड्डी-बनियन वाले ही थे:)

KK Yadav said...

आपका ब्लॉग नित नई पोस्ट/ रचनाओं से सुवासित हो रहा है ..बधाई !!
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आयें मेरे "शब्द सृजन की ओर" भी और कुछ कहें भी....