गतांक से आगे।बापू ने मुझसे पूछा अच्छा छोड़ बाकी सारी बातें ये बता देश का क्या हाल है?मैने भी सवाल के जवाब मे सवाल दागा,बापू क्या सुनना चाहोगे?ईश्वर अल्लाह तेरे नाम,या वैश्णव जन ?बापू को कुछ समझ नही आया।वे बोले तू क्या कह रहा है।मैने कहा बापू सारे देश का हाल एक साथ कैसे सुना सकता हूं।एक एक करके सुनाता हूं।बापू बोले ठीक है जो तुझे अच्छा लगे वो सुना।
मैने कहा बापू अभी भी वक़्त है सच बोलने वाली शर्त हटा दो,सुन नही पाओगे।बापू ने कहा तू मेरी चिंता मत कर,बस सुनाता चल।तो बापू सबसे पहले आप ईश्वर अल्लाह तेरो नाम का ही हाल जान लो। आप चिल्लाते रह गये और भगवान आपकी बात मान कर सबको सन्मति देने को तैयार भी हो गया मगर सन्मति किसी ने नही ली।सबने अपने-अपने हिसाब से ईश्वर-अल्लाह को बांट लियां केवल ईश्वर अल्लाह को बांटा बल्कि उनके नाम पर देश को भी अघोषित रूप से बांट दिया।और तो और जुम्मे-जुम्मे आठ दिन हुये पैदा हुये ब्लाग को वंहा भी बंटवारा हो गया ईश्वर-अल्लाह के नाम पर ।ये तू क्या कह रहा है?बापू ने मुझसे पूछा।सच कह रहा हूं।बड़ा शौक था ना सच सुनने का तो लो सुनो।
खुब् भजन करते थे ना,क्या सोचा था,सब समझ जायेंगे?अरे बापू ये कुत्ते की दुम है जिसे अंग्रेज़ सीधा नही कर पाये वो भला भजन से…।खैर छोडो बापू।पहले ईश्वर अल्लाह के नाम पर लफ़ड़े मेरठ,कानपुर,लखनऊ,भिवंडी,हैदराबाद तक ही सीमित थे,मगर अब तो आपके स्टेट का अहमदाबाद भी इसमे शामिल हो गया है।इंदौर,मऊ,मालेगांव,मुम्बई और कई नये शहर टाप पर चल रहे हैं।कश्मीर का तो हाल ही मत पूछो।वंहा की हरी वादियों को लाल कर दिया गया है।इतना खून बह रहा है वंहा की चौक लाल हो गये हैं तो सड़क भी लाल है।चारो ओर खून ही खून है बापू,लाल ही लाल्।
बापू सुन रहे हो ना कि उपवास पे बैठने का प्रोग्राम बना रहे हो।बापू ने कहा कि तू ये सब क्या कह रहा है मेरी समझ मे नही आ रहा है।मैने कहा बापू सिर्फ़ और सिर्फ़ सच कह रहा हूं,फ़िर क्यों समझ मे नही आ रहा है।बापू बोले क्या सचमुच ऐसा हो रहा है।मैने कहा हंड्रेड एण्ड वन परसेंट बापू।ईश्वर-अल्लाह के नाम पर बंटवारे तो आज की डेट मे सबसे पाप्यूलर गेम है।फ़िल्म वाले भी इस राग को आलाप रहे हैं।कोई कह रहा है कि उसे मुसलमान होने के कारण मकान नही मिला तो कोई कहता है कि उसे अमेरिका मे रोक लिया गया।अब क्या बताऊं बापू आपको,अब तो शहादत को भी बांट दिया गया है।कुछ दिन पहले ही दिल्ली मे बाटला हाऊस मे आतंकवादियों की धर पकड़ के दौरान शहीद हुये इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा को अल्लाह के कुछ नेक बंदो ने शहीद मानने से इंकार कर दिया था।उन्होने मोहनचंद शर्मा पर गोलियां चलाने वालो को शहीद करार देने की जी तोड़ कोशिश की थी।
बापू इस देश मे अब पाकिस्तान की जीत पर जश्न और भारत की हार पर त्योहार मनाये जाते हैं।क्रिकेट के खेल मे भी खिलाडियों को ईश्वर-अल्लाह के नाम पर बांट दिया गया है।मेरे मुहल्ले के अंसार भाई अकसर ये कहते है सौ-पचास ले ले यार ये टीम से मुसलमानो को हटा दो।क्यों?ऐसा क्यों कहता है अंसार?बापू ने पूछा।मैने बताया बापू अंसार भाई का कहना है अगर ठीक खेला तो ठीक वरना लोग सीधे मां-बहन की गाली बकते अहै और कहते है साले……… गद्दार कंही के।अब बताओ एक आदमी ठीक से नही खेलता और देश मे रहने वाले हमारे सारे भाईयों को गद्दार करार दे देते हो।मां-बहन अलग करते हो।इससे तो अच्छा है भैया खिलाओ ही मत्।बापू सन्न खड़े थे।मैने पूछा क्या हुआ बापू?तू सच कह रहा है क्या?हां बापू सच!सौ प्रतिशत्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म बापू ने गहरी सांस ली और कहा छोड़ ये सब तो मेरे समय ही शुरु हो गया था।कोई दूसरी बात कर्।मेरे और बापू के बीच क्या बात हुई बताऊंगा कल्।
16 comments:
अच्छा निचोड़ा है। पर बापू बेचारे? मुश्किल से छूटे थे मुन्ना भाई से कि अनिल भाई पे फँस गए।
अनिल भाई, क्यों सच सुना-सुना कर बापू के बार-बार मरने का इंतज़ाम कर रहे हो...
जय हिंद...
बापू से बातचीत के बहाने देश के वर्मान विरोधाभासी हालातों पर खूब प्रहार किया है ...!!
बापू के सामने देश के गंभीर हालात के बारे में इतनी चर्चा कर दी .. संभव है , महात्मा गांधी यहां दोबारा जन्म लेने आ जाएं .. शायद फिर से दशा सुधरे यहां की .. अभ्ज्ञी तक तो कुछ भी दिखाई नहीं देता !!
बेशक उसी समय शुरू हो गया होगा लेकिन सच का सामना बापू आज करते तो अपनी मूर्तियों पर खुद ही बुलडोज़र चलवा देते।
बी एस पाबला
आप गज़ब करते हो...किसको जगा रहे हो?
भाई केमिकल लोचा हो गएला है
तु टेन्शन नई लेने का भाई,वो अपुन है ना,
क्या बोलते,हां याद आया,डाक्टर घोरपड़े कु ले के आता,ये लोगन को वोईच ठीक करेन्गा,
तु टेन्शन नई लेने का भाई
बापू को ज्यादा परेशां मत करिए भाई ! उन्हें चिर निद्रा से बार बार न जगाईये -माहौल ठीक नहीं है अब !
कोई और बात करे बापू भी यही चाहते है . वैसे समय ईश्वर और अल्लाह को सन्मति देने का है उन्होंने भी क्या चीज़ बनाई जिसे कहते है इन्सान
anil bhai , bahut accha monologue hai .. padhkar maza aa gaya , desh ko jis tarah se jagaane ki jarurat hai , wo aap apni post me jaahir kar rahe ho aur wo bhi Gandhiji ko directly baate karke.. bahut bahut badhai .. meri ye gujarish hai ki ise aap jarur print media me chapwaaye ..
aapka dhanywad.
regards
vijay
www.poemsofvijay.blogspot.com
aadarniya Anilji.......... bahut khoob likha hai aapne....... bechare bapu........ unko bhi pareshan kar diya aapne to......... itne gambhit haalat dekh ke shayad BAPU aaj hote..... to din mein 4 baar aatmhatya zaroor kar lete.........
aapke lekh padh kar mere andar system ko sudhaarne ka ek ubaal sa uthne lagta hai........
अनिल भाई .. केमिकल लोचा तो बढ-ता- ही जा रहा है अब बापू भी आपके सपने मे आने से पहले सौ बार सोचेंगे - भारत मे आने से तो रहे ..।
सभी ने बहुत कुछ कह दिया, अब मै क्या कहुं,... बहुत सुंदर लेख लिखा आप ने धन्यवाद
महफ़ूज़ भाई क्या करूं मै भी चाह्ता हूं कि सिस्टम सुधरे पर अभी तक़ सिर्फ़ खुद को सिस्टम मे शामिल होने से बचा पाने मे ही सफ़ल रहा हूं और उसी को अपनी उपलब्धी मान लेता हूं।
Ekdam sach likha hai aapne..dhanywaad
खूब कस कस के लिखा है
पुसद्कर जी
मन कर रहा है कह दूं लगे...रहो.....?
बधाईयां
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