Sunday, January 16, 2011
क्या आदर्श की बिल्डिंग तोड़ देना ही काफ़ी है?
पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने मुम्बई के आदर्श सोसायटी की बिल्डिंग तोड़ने के आदेश द दिये हैं।जयराम रमेश के इस आदेश पर कोई सवाल उठाना नही चाहिये क्योंकि अभी तक़ इस मामले में ऐसा लगता ही कि ये पहली ठोस कार्रवाई होने जा रही है,अगर बिना रोक-टोक के पूरी हो गई तो।मगर उसके बाद भी बहुत ध्यान से देखें तो ऐसा लगता है कि बिल्डिंग गिरा देने मात्र से क्या घोटालेबाज़ों को सज़ा हो जायेगी?सच पूछा जाये तो इतने बड़े घोटाले में अब तक़ लीपा-पोती के अलावा कुछ भी नही हुआ है।मुख्यमंत्री(तत्कालीन)अशोक चव्हाण को हटाये जाने से लेकर जांच और पड़ताल सब ऐसा लगता है कि एक योजना के तहत लम्बी खींची जा रही है।देश पर जान न्योछावर करने वाले शहीदों के नाम पर इतने बड़ा घोटाला करने वाले अभी तक़ खुली हवा मे घूम रहे हैं।अफ़सोस की बात है कि जिस देश मे पापी पेट की भूख मिटाने के लिये मज़बूर होकर रोटी चुराने वालों को जेल मे सड़ा देने वाले सड़ेले सिस्टम में सत्ता के दलाल सज़ा पाना तो दूर मस्त मज़ा मार रहे हैं।मेरा सवाल ये है कि क्या जयराम रमेश के आदेश पर बिल्डिंग गिरा दिया जाना,गलत तरीके से उस बिल्डिंग को बनाने वालों के लिये पर्याप्त सज़ा है?मेरे हिसाब से तो एक से लेकर सौ तक़ सभी आरोपियों के खिलाफ़ एफ़ आई आर होनी चाहिये।न केवल एफ़ आई आर बल्कि उन सभी को जेल की हवा भी खिलाई जानी चाहिये ताक़ी आने वाले समय में इस तरह की हरामखोरी करने से पहले लोग सोचें कि कोई उन्हें देख रहा है जो उन्हे जेल में सड़ा सकता है।मैं ऐसा मानता हूं कि सख्त सज़ा से ही सुधार आ सकता है।आपको क्या लगता है,बताईयेगा ज़रूर।
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12 comments:
100% agree
देश के क़ानून ही तोड़ने के लिए बनते है और गिरगट की तरह रंग बदलते हैं
पर घोटालेबाजों को कौन तोड़ेगा।
यदि केवल बिल्डिंग गिराई जाती है तो यह माना जाएगा कि अपराधियों ने सिर्फ अपने अपराध के सबूत नष्ट किए हैं। जैसे कोई व्यभिचारी व्यक्ति अपने पाप को छुपाने को गर्भपात करवा देता है। जब तक व्यभिचारी को दंड नहीं मिलेगा, तब तक ऐसे व्यभिचारों को रोकना संभव नहीं है।
हम आपसे सहमत हैं. श्री द्विवेदी से भी सहमत हैं. ऐसे करतूतों पर नकेल कसने के लिए कठोर दंड दिया ही जाना चाहिए.
क्या बात कर दी भाऊ…
बिल्डिंग को हाथ लगाकर तो देखो… बड़े-बड़े वकील तैयार हैं बचाने के लिये… :) :)
`बिल्डिंग गिरा देने मात्र से क्या घोटालेबाज़ों को सज़ा हो जायेगी'
क्या आज तक इस देश में किसी घोटालेबाज़ को सज़ा मिली है???????
इस बिल्डिंग की नीलामी की जाये और कारगिल में शहीद हुये सिपाहियों में राशि बांट दी जाये.. बिल्डिंग गिराने से अधिक अच्छा विकल्प है..
दोषियों को सजा मिले अलग से..
और लगातार उपस्थिति लगाते रहें अन्यथा जुर्माना लगाया जायेगा..
बिल्डिंग गिराने के बजाय उसकी उतनी मंज़िलें तोड़ी जानी चाहिए जो सुरक्षा के लिए खतरा हैं। इसके बाद जिनके लिए यह मूल रूप से बनाई गई उन्हे स्थानांतरित की जानी चाहिए।
मुकदमा तो तब तक चलता रहेगा जबतक इस देश का कानून नहीं बदलता , खास के लिए अलग कानून और मंजूरी और आम के लिए सीधी जेल।
इस प्रकार के अनियमितताओं का दायित्व निर्धारित होना चाहिये ।
कहाँ कहाँ, और कौन कौन सी बिल्डिंग गिरवायेंगे ?
वन्दे मातरम,
इस प्रकार नियमों की अनदेखी कर जनता की गाढ़ी कमाई से बिल्डिंग बनाना और भ्रष्टाचार का पर्दाफास होने पर उसे गिराने का आदेश देना मानो जनता को उसकी कमजोरी पर चिढाने जैसा कृत्य है |
यह विचारनीय है की क्या उस वक्त पर्यावरण मंत्रालय कुम्भकर्णी निद्रा में थी जब नियमों की अनदेखी कर यह ईमारत तैयार किया जा रहा था |
गौरव शर्मा "भारतीय"
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