Tuesday, March 8, 2011

साध्वी को तो जेल में सड़ा दिया,हसन अली,अफ़ज़ल और कसाब क्या दामाद है जो उन्हे छूट दे रही है कथित धर्मनिर्पेक्ष सरकार?

एक छोटी सी पोस्ट बहुत बड़ा सवाल समेटे हुये।न्यूज़ चैनलो से पता चला कि सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि हसन अली के खिलाफ़ सिर्फ़ आयकर कि ही कार्रवाई क्यों?इस सवाल ने और भी कई सवाल खड़े कर दिये हैं?क्वात्रोची के खिलाफ़ केस बंद क्यो?अफ़ज़ल को फ़ांसी में देरी क्यों?कसाब के मामले में अपील क्यों?साध्वी प्रज्ञा को ज़मानत क्यों नही?एक मामला मालेगांव ब्लास्ट का है जंहा केन्द्र की कथित धर्मनिरपेक्ष सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुये साध्वी प्रज्ञा को जेल में ठूंस दिया और उसकी जमानत में अडंगे डालकर उसे जेल में ही सड़ा दिया है।उसके मामले में इतनी तेजी दिखाई और हसन अली के मामले में सुप्रीम कोर्ट को ये सवाल करना पड़ रहा है कि उस्के मामले में सिर्फ़ आयकर की ही कार्रवाई क्यों?सिर्फ़ हसन अली का ही मामला नही है जिसमे अल्पसंख्यक आरोपी को छूट मिल रही है,क्वात्रोकी,अफ़जल और कसाब के मामले भी है उसी दायरे में।अगर सिर्फ़ अल्पसंख्यकों ही छूट देना है तो इसका नाम भी इटलिस्तान,क्रिस्टिस्तान या मूसलिस्तान कर देना चाहिये।काहे का हिंदूस्तान या काहे का भारत?जब सज़ा देने के मामले मे या मामला चलाने के लिये हिंदूओं के लिये अलग और कथित अल्पसंख्यको के लिये अलग मापदण्ड निर्धारित हों?मुझे नही लगता कि ये सवाल सिर्फ़ मेरे ही दिमाग मे उमड़-घुमड़ रहे हैं?आपको क्या लगता है बताईयेगा ज़रूर्।

11 comments:

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

हर कोई जानता है इसका उत्तर.. लेकिन करता कोई कुछ नहीं...

Udan Tashtari said...

लगेगा तो क्या..मन मसोसने के सिवाय!

Unknown said...

भारतीय नागरिक का कमेण्ट रिपीट माना जाये… :)
और सेकुलरिस्टों को मेरी तरफ़ से *&%^#$* और &^%&# तथा *&%#$* से नवाज़ा जाये… :)

रचना said...

afsos hotaa haen bahut is baat par

shubham news producer said...

ha bhaiya हसन अली,अफ़ज़ल और कसाब
Sach Mein Damand Hai Bhaiya Tabhi To
enke dekh rekh mein hi karodo paise kharch kar raha hai

प्रवीण पाण्डेय said...

अन्याय में भी समानता का अधिकार हो।

kailash kakar said...

bhagwa aatankwad ko sochi samajhi sajish ke tahat pracharit karne wale logo ki in bhedbhav purna harkato ke karan hindu ko aakhir aatanki banana hi padega.

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद said...

आप क्या समझते हैं कि मुह्म्मद गोरी, खिलजी, तैमूर क्या ऐसे ही राज करत रहे :(

डॉ महेश सिन्हा said...

इसका कारण है मिली हगत, इतना बड़ा सीवीसी का मामला हो गया किसी ने प्रधान मंत्री से इस्तीफा नहीं मांगा

Anonymous said...

A well written post.These are ,indeed, uncomfortable questions!

Arvind K.Pandey

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Bharat yogi said...

अनिल भैय्या वन्देमातरम ..........सच लिखने के लिए ..........यही दामाद (हरामखोरो के कारण) भारत में '' हिन्दू आंतकवाद '' जन्म ले रहा है ,,,,,,हम मुसलमानों के खिलाफ नहीं ,,ना ही पाक कुरान के ........हम तो राम रहीम को मानने वाले ,,,,,,हिन्दू है .लेकिन जब बात आती है भारत माता की देशभक्तों और देश द्रोहियों की ,,,,,,,,,,तब जन्म लेता है ...आम लोगो की भाष में "हिन्दू आंतकवाद " हालाकि देश के लिए यह आतंकवाद भी उचित नहीं है .......लेकिन सरकार जब तक ऐसे दामाद पालेगी ,,,,,,,हिन्दू आंतकवाद भी पैदा होगा,,,,,,,,, वन्देमातरम ........क्योकि "आंतक वाद का जवाब केवल उग्रवाद है "....