Saturday, January 21, 2012

मेरी पहली किताब,"क्यों जाऊं बस्तर?मरने"छपकर तैयार हो गई है।

मेरी पहली किताब छप कर आ गई है.किताब का शीर्षक है क्यों जाउं बस्तर?मरने!किताब में ढेरों सवाल है,व्यवस्था पर,सरकार पर,मीडिया पर और मानवाधिकार पर भी सवाल उठाये गये हैं.किताब में बस्तर का नक्सलवाद और उससे जूझते पुलिस वालों की स्थिती का हाल सामने रखा गया है.किताब में है क्या ये तो पढने पर ही पता चलेगा.विमोचन की तैयारी शुरु है तारीख तय होते ही आप सब को बताऊंगा और निमंत्रण भी दूंगा.फिलहाल किताब का कव्हर सबके सामने रख रहा हूं.कैसा लगा आपको राय जरुर दिजियेगा.

18 comments:

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

एक ही सिक्के के दो पहलू .

प्रवीण पाण्डेय said...

व्यग्रता से प्रतीक्षा रहेगी, अतिशय बधाईयाँ

रवि रतलामी said...

बधाई. पूरी पुस्तक इंटरनेट पर पठन-पाठन के लिए रखें तो उत्तम.

यदि कोई समस्या हो तो -

इसकी पेजमेकर फाइल मुझे भेजें. इसे यूनिकोड में बदल कर तथा इसकी पीडीएफ ईबुक बनाकर इंटरनेट पर भी प्रकाशित करेंगे ताकि दुनिया भर के लोग अंदर की असलियत पढ़ सकें.

DUSK-DRIZZLE said...

UN LOGO KA HAL BHI RAKHE JO BASTAR SE NAHI ANA CHAHATE.

SOME POLICE OFFICERS DO NOT WANT ANY KIND OF CHANGE ..IN THE FORM OF TRANSFER OR PUNISHMENT, WHY? PLEASE DROP SOME WORDS.

अनूप शुक्ल said...

किताब छपने की बधाई!
कवर पेज अच्छा है।
विमोचन का हमें भी इंतजार है। किताब का भी! :)

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बधाई हो!

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

कव्हर ही बहुत कुछ कह रहा है,आकर्षक है।

शुभकामनाएं एवं बधाई

उम्मतें said...

हमारी टिप्पणी माडरेशन में अटकी है या स्पैम में ?

अजित वडनेरकर said...

बहुत बधाई।
हम फेसबुक से होकर इधर आए हैं:)

Sanjeet Tripathi said...

Ratlami ji ki baat se sehmat hun bhaiya....

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

वाह जी बहुत बढ़िया. कवर अकार्ष्रक है. शुभकामनाएं.

विवेक रस्तोगी said...

बहुत बधाई अनिल भाई, कवर तो बेहतरीन है, दास्तां को बयां करता हुआ ।

Anonymous said...

अनिल जी, विमोचन तो कायदे से दिल्ली में होना चाहिए। बताइये, करें तैयारी।
अजय शर्मा, नई दिल्ली

Khushdeep Sehgal said...

अनिल भाई,​
​बहुत बहुत बधाई, बाकी अजय शर्मा जी की बात को मेरा अनुमोदन...विमोचन तो दिल्ली मे ंही होना चाहिए...​
​​
​जय हिंद...

Atul Shrivastava said...

बधाई हो भैया।
विमोचन की तारीख का इंतजार है अब बस।

प्रवीण त्रिवेदी said...

बधाई ढेर सारी!

जय जय रवि जी की सलाह से सर्वसुलभ हो सकेगी?

Kamal Dubey said...

किताब छपने की बधाई!
कवर पेज अच्छा है।
विमोचन का हमें भी इंतजार है। किताब का भी!

झुनमुन गुप्ता said...

hkk