Saturday, May 18, 2013
धन्य है पाकिस्तान और उसकी मानवीयता!
अपने बँटवारे वाले भाई पाकिस्तान की भलमनसाहत देखिये.आहाहअहाहा दिल जीत लिया.भाई हो तो ऎसा,पडोसी हो तो ऎसा.तक़दीर वालो को नसीब होते है ऎसे भाई या पडोसी.वो मानवीयता की बात भी करने लगा है और कमाल देखिये कि उसने मानवीयता के आधार पर भूल से सीमा पार कर गये उन 51 भारतीय मछुआरो को रिहा करने का फैसला किया है जो अपनी सज़ा कैद में पूरी कर चुके है.है ना कमाल की मानवीयता.अरे भाई मेरे सज़ा पूरी होने के बाद भी उनको नही छोडकर कौन सी मानवीयता दिखाई थी?और अब सज़ा काट चुके लोगो को छोडकर कौन सी मानवीयता दिखा रहे हो?और उसके बदले में जिनकी सज़ा भी पूरी नही हुई है उन्हे रिहा करने की डिमाण्ड करके कौन सी मानवीयता का सबूत दे रहे हो?धन्य भाग्य हमारे जो हमसे बंटवारा लेकर अलग होने वाला हमारा भाई,हमारा पडोसी है और इउसके अंदर मानवीयता इतनी कूट कूट कर भरी हुई है.उससे कुछ नही तो कम से कम मानवीयता तो सीखना ही चाहिये हमारे देश के ठेकेदारो को.जय हो ऎसी मानवीयता की.
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3 comments:
ऐसा करना सीख लिया होता तो रोना ही किस बात का था.
ऐसा करना सीख लिया होता तो रोना ही किस बात का था.
manviyata ka naya sabut pesh kar raha hai pakistan....
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