Friday, May 17, 2013
झमपक झमपक झपाक कर नाचने वाले क्या खा कर मुंह खोलेंगे?
भारतवर्ष की फिलहाल सबसे बडी समस्या क्या है?हैरान होने की बात नही है,इस देश में कोई भी समस्या परमानेंट नही है.रोटेशन सिस्टम यंहा लागू है और टीवी की रेटिंग्स की तरह समस्यायें भी समय काल और परिस्थितियों के अनुरूप बदलती रहती है.तो सवाल ये था कि इस देश कि फिलहाल सबसे बडी समस्या क्रिकेट में स्पाट फिक्सिंग है.उससे कई लोगों को लग रहा है कि अंतरर्राष्ट्रीय स्तर पर हमारे देश की छवि को धक्का लगा है.सो सबसे पहले क्रिकेट में फिक्सिंग रोकने के लिये कडे कानून बनाये जाने की मांग भी कुछ अतिविद्वानो ने की है.फिलहाल क्रिकेट को पाक साफ करना ही सबसे बडा उद्देश्य है.भले ही इस देश में मामू के नाम पर भांजे ऎश करते रहे.कानून मंत्री अदालत की परवाह किये बिना रिपोर्ट सुधारते रहे.भले ही गरीबो के इस देश में लाखो करोडो के घोटाले होते रहे.हमारे देश के जवानो का पडोसी सर काट कर रख ले.दूसरा पडोसी हमारी हद में घुस आये.उससे हमारी अंतरराष्ट्रीय छवि को कोई फर्क़ नही पडता.नाबालिगो और महिलाओ से बलात्कार होते रहे,इसके लिये कडे कानून बनाना पेंडिंग हो जाये.कोई खास फर्क़ नही पडता.हां लेकिन अगर क्रिकेट में सट्टेबाज़ी खत्म हो जाये तो शायद हमारी छवि सुधर जाये,बेरोज़गारी खत्म हो जाये,महंगाई कम हो जाये,आतंकवाद समाप्त हो जाये और पता नही क्या क्या हो जाये.कभी किसी ज़माने में बीसीसीआई और क्रिकेट के ठेकेदारो के खिलाफ खुलकर हमला करने वाले महान क्रिकेटर(भले ही वो भी मामला ब्राडकास्टिंग राईट्स के विवाद का था)तो आजकल आईपीएल में झमपक झमपक झपाक करते हुये,नाचते नज़र आते है.वे क्या खा कर मुंह खोलेंगे?सब कुछ फिक्स है जैसे राजनिती वैसा क्रिकेट.जैसी जनता,वैसी समस्या.ऎसा मैं इसलिये कह रहा हूं कि जिनके वोट से सरकार बनती है वे तो रोज कमाने खाने वाले हैं,उनकी प्राथमिकताऎं रोज़ बदलती है.इस लिये हमारे देश की सबसे बडी समस्या फिलहाल कहलाती है.होने दिजीये दिल्ली में कोई घृणित बलात्कार,खुलने दिजीये कोई बडा घोटाला?बस क्रिकेट की फिक्सिंग फिक्स हो कर रह जायेगी.
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1 comment:
कौन सुने, क्यों सुने, किसके लिए सुने।
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