Monday, September 14, 2015
क्या ठाकरे,क्या ओबैसी,सब बिहार पर फ़िदा?
क्या ठाकरे,क्या ओबैसी,सब बिहार पर फ़िदा?अचानक ऐसा क्या हो गया है बिहार में कि जो देखो वही बिहार की सेवा के लिये मरा जा रहा है।कल तल मुम्बई में बिहारियों को कूटने वालों को आज पता चल रहा है कि बिहारियों को विकास की जरुरत है। हो सकता है उनको लग रहा हो कि बिहारियों की बिहार में ही सेवा कर उन्हे वंही रोक लिया जाये,तो उनकी प्राईवेट मुम्बई तो सेफ़ रहेगी।फ़िर ये ओबैसी साब भी अचानक ही बिहारियों पर फ़िदा हो गये हैं।लेकिन वे ठाकरे ब्रदर्स जैसे मतलबी नही है।वे शुरु से सेलेक्टिव्ह थे,हैं और रहेंगे?उनके भाई बंधु जंहा है उन्हे सेवा सिर्फ़ उसी इलाके में करनी है।वे दूसरो की सेवा में विश्वास ही नही रखते,क्योंकि दूसरे तो फ़िर काफ़िर ही है,उनकी सेवा करके क्यों दोजख में जाना?वईसे भी वो बोलां कि तुमे कित्ते मुसलमाना को एमएलए बनाये पहले बता दो।यानी मुसलमान को एमएलए बना दो तो उनका प्राब्लम साल्व।उनका प्राबल्म ही है मुसलमानो के दर्द को दर्द समझना और उस दर्द को कम करने के लिये दूसरो को दर्द देना।सो वे बिहार में बिहारी मुसलमानो का पिछ्डापन हटाने के नाम पर अपनी राजनीति को हैदराबाद से कुछ और आगे ले जाना चाहते है।फ़िर उधर देखो तो मोदी जी भी बिहार के विकास के लिये टेण्डर काल कर रहे हैं।बिहार के सेवा का आलटाईम ठेका ले चुके लालू की भी कुर्सी वापस नही मिलती देख ओरिजीनल आंखे खुल गई है।वे भी जानवारों से ज्यादा जनता के लिये चिंतित नज़र आ रहे है।सेवा के लिये नीतिश जी फ़डफ़डा रहे है।किसी भी हालत में वे बिहार के सेवा करना चाहते है।इसके लिये वे एमेरजेंसी लगाने वालो से भी हाथ मिला चुके हैं।उधर दलितों के मसीहा रामविलास जी सेवा सेवा चिल्ला रहे हैं।दलितो और उससे भी पिछ्डे महादलितों के नये मसीहा मांझी जी रामबिलास बाबू को सेवा के मामले में टक्क्र देने को तैयार है।ऐसा लग रहा है जैसे बूढी गंडक कोसी और गंगा की बाढ से भी बडी और भयंकर बाढ सेवा की आ गई हो।इतना होने के बाद भी अगर बिहार में सेवा न होसके और वंहा विकास की गंगा न बह सके तो फ़िर भगवान ही मालिक है।अब इस बात से ओबैसी भले ही नाराज हो जाये,पर बात तो सच है।देखें चुनाव तक जितना जनता लूट सके तो लूट ले,फ़ेर तो कोनो आने वाला नही।
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