Thursday, January 21, 2016

नेताजी को बंगाली,तिलक को मराठी ही मानेंगे तो फिर जातिवाद का ज़हर तो हम ही...

1 comment:

प्रवीण पाण्डेय said...

साझा विरासत है, साझा देश है, सबको सम्हालना होगा।