Thursday, June 26, 2008

पता नहीं किसकी नजर लग गई है बस्तर को !

लोहे के पहाड़ों, यूरेनियम, टिन, कोरंडम की खदानों, साल और सागौन के जंगलों के मालिक बस्तर को पता नहीं किसकी नजर लग गई है। घोर नक्सलवाद से जूझ रहे बस्तर में सीपीआई कहती है जिला दंतेवाड़ा बंद तो दंतेवाड़ा बंद हो जाता है। नक्सली एक आश्रम के रसोइये को मार डालते है तो गांव में सन्नाटा फैल जाता है। नारायणपुर इलाके में पेड़ काटकर सड़क पर डाल देते है तो आना जाना बंद हो जाता है। पता नहीं बंद से किसको फायदा मिलता है और कैसे फायदा मिलता है!


बंद का मायने सब कुछ बंद होता है। लोग दवा-दारू तक के लिये तरस जाते है। किसी को रिश्तेदारी में खुशी या गम में शरीक होना भी नसीब नहीं हो पाता। जिंदगी ठहर सी जाती है और ऐसा बस्तर समेत छत्तीसगढ़ इलाके में आये दिन होता है। छत्तीसगढ़ अब नक्सलियों के लिये बेहद सुरक्षित इलाका साबित हो रहा है। असमानता और अन्याय की खाद से नक्सलवाद की फसल जमकर लहलहा रही है और थोड़ी बहुत बची हुई कसर को पुलिस और सरकार का निकम्मापन पूरी कर देता है।


सीपाआई के दंतेवाड़ा बंद से खुश होकर पूर्व विधायक मनीष कुंजाम यह कहने से नहीं चूके कि उनके आंदोलन को ऐसी सफलता आज तक नहीं मिली। ये तो एक दिन का बंद थर्ा। जब नक्सली शहीद सप्ताह मनाते है तो पूरे सप्ताह बस्तर की सांसे थम जाती है। बस, ट्रक, टेक्सी तो दूर की बात है रेल तक नहीं चलती। इसके बावजूद सरकार मजबूरी में ये बात नहीं मानती कि बस्तर में नक्सलियों की समानांतर सत्ता स्थापित होती जा रही है।



बहरहाल दंतेवाड़ा के बंद ने एस्सार के कारखाने को करोड़ों रूपये का नुकसान पहुॅचाया। हम एस्सार की दलाली नहीं करते लेकिन इस बंद बंद के खेल से तंग आ चूके उन स्क्ूली बच्चों के बाल सुलभ सवालों से इत्तेफाक रखते है कि छुट्टी क्यों है! सात-आठ दिनों के ब्लैक आउट से ले देकर उभरे बस्तरिया लोगों को पता है कि कभी भी कुछ भी हो सकता है। असल में बस्तरिया लोगों जैसे हिम्मत शायद ही देखने में आती है।


भारत के सबसे चौड़े जल प्रपात चित्रकोट की खूबसूरती, कांगेर घाटी की मनमोहक छटा, घोटुल की मादक मस्ती और सल्फी-ताड़ी की मस्ती, ऐसा लगता है कि धीरे-धीरे मरती जा रही है। बस्तरिया लोगों को जबरिया उनका हक दिलाने पर तुले नक्सली या सरकार दोनों की ही कोशिशे बेमानी लगती है। ऐसा लगता है कि बस्तर को अगर सिर्फ बस्तरिया लोगों के भरोसे छोड़ दिया है तो कहा जा सकता है कि दुनिया में यदि स्वर्ग कहीं है तो वो बस्तर है।

3 comments:

आशीष कुमार 'अंशु' said...

आपका पोस्ट पढ़ने के बाद एक बार बस्तर आने की इच्छा है...

Anil Pusadkar said...

jarur aaiye.swagat karenge aapka

दीपक said...

बस्तर नक्सली ताकतो की दासता की ओर उन्मुख हो रहा है और फ़िर इसे आजाद कराने के लिये बलिदानीया देनी होंगी ॥