अब सुन बेईमानो का किस्सा।मैने कहा महाराज रहने दो आपके उल्टे-सुल्टे प्रवचन वैसे ही खोपड़ी आऊट हो गई है।क्यों?बुरा लगता है।तो फ़िर तू क्यों दुनिया को जबरन ईमानदारी का पाठ पढाता है बे।मै किसी को जबरन नही पेलता।जुनियर लोग पूछते है तो बताता हूं।क्या बताता है बे ईमानदार बन और भूखा मर।साले तेरा पेट भरा है तो क्या सब को भूख नही लगती।मैने हथियार डालते हुये कहा महाराज कोई आज्ञा हो तो बताओ वर्ना आप भी सोईये और मुझे भी…… अबे सोने के लिये नही आया हूं मै। चल उठ और देख कर बता क्या पोज़िशन है मेरी।
मैने आंखे बंद की और ज़ोर से चिल्लाया,महाराज छा गये आप!चारो ओर भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार है। अनाचार है, व्याभीचार है,दुराचार है और सो रही सरकार है। अबे ये तू यू पी और बिहार की रिपोर्ट तो नही दे रहा है।सुन, वंहा का हाल बताने की ज़रूरत नही है वो तो बिना बताये समझ मे आ जाता है।तो महाराज क्या बताऊं?अबे ये भी मै बताऊं क्या।ठीक है महाराज मै ज़रा देश के नये प्रदेशों का हाल देख लूं। चल देख और बता।
मैने कहा महाराज तीनो नये राज्यों मे आप अभी से बिनाका गीत माला के टाप गाने की तरह हिट हैं।उत्तराखण्ड मे तो अकेले पन बिजली परियोजना के मामले मे ही सारे रिकार्ड टूट चुके हैं।झारखण्ड मे तो इतने कम समय मे सरकार पलटने का कारनामा आपके भक़्त दिखा चुके हैं।छत्तीसगढ मे तो आप का टी आर पी ज़बरदस्त है।धान घोटाला,चावल घोटाला,सड़क घोटाला,डामर घोटाला, खाद घोटाला,बीज घोटाला,ये घोटाला तो वो घोटाला ऐसा लगता है वंहा चौटाला ही चौटाला हैं।क्या बात कर रहा है बे।सच कह रहा हूं महाराज्।ये झारखण्ड और उत्तराखण्ड का तो समझ मे आता है कि ये अपने मूल प्रदेश यू पी और बिहार को फ़ालो कर रहे है मगर छत्तीसगढ अगर उनसे आगे निकल गया तो सोचना पडेगा।
मैने कहा महाराज तीनो प्रदेशो मे ही नही सारे देश मे आपकी जय जयकार हो रही है।तो तू क्यों चिढ रहा है बे। अब उनको ऊंगली मत करना।सारे अपने चाहने वाले हैं।महाराज एक बात और पूछना था ये अपुन को सिर्फ़ अपने वालों के बारे मे पता करना है या………… अबे सुन।हम इतने घटिया देवता नही है कि सिर्फ़ अपनी जात वालो का ही ध्यान दें।सुन जैसे हर जात का आदमी मेरा भक़्त है वैसे ही मै भी हर किसी का देवता हूं।समझा अब ये अपनी घटिया पोलिटिकल सोच को यंहा मत घुसेडना समझे।मै सच्चा धर्म निरपेक्ष् देवता हूं।
तो दाऊद वगैरह्?सब अपने है।ओसामा-ओबामा?और कसाब?साले ये सब क्या पब्लिकली बताऊं।अपने आप समझना सीख्।तो फ़िर तो नक्सली………ये भी अपने हैं।तो फ़िर अपना कौन नही है महाराज?ये सवाल पूछा है तूने अपनी ओरिजिनल स्टाईल मे?साले फ़ंसा रहा है नाऍहल मै तेरे से पूछता हूं तू बता कौन नही है मेरा।मैने कहा महाराज ये साधू संत और महात्मा लोग। अबे ये तो अपने सबसे खास हैं।तो आस्था और संस्कार चैनल के सुपरहिट हीरो।उनका तो मै फ़ेवरेट हूं बे।क्या बात करते हो महाराज?मैने तो आजतक़ आप पर एक भी लेक्चर नही सुना। हां ये तो तू सही कह रहा है।मै खुश हो गया कि करिया महाराज फ़ंस गये हैं।उन्होने कहा कि लेक्चर नही देते तो क्या हुआ भी आश्रम मे लफ़ड़े नही करते क्या?फ़िर इतना माल आ कहां से रहा है? जो टीवी पर स्लाट ले रखे है उसका पेमेंट कंहा से हो रहा है?टूर कैसे मैनेज हो रहे हैं? समझा या और बताऊं?
मैने कहा जब सब अपने है महाराज तो फ़िर ये खूफ़ियागिरी करने की क्या ज़रूरत। अबे ऐसा नही है अपने भी बहुत से दुश्मन हैं?दुश्मन!वो कैसे महाराज?अबे तू अपने उस बापू को ही ले।कौन फ़ेरारी बापू! अबे नही वो ओरिजिनल बापू,महात्मा।वो तो कब का निकल लिये महाराज ये हालत देखने के लिये रूक थोड़ी ही सकते थे। सही कह रहा हे बे तू,मगर उसका इफ़ेक्ट आज भी है। दम तो था उसमे। अब देखो ना ये भी कोई बात है ज़रूरत से ज्यादा कोई चीज़ जमा करना चोरी है।अपने फ़ालोअर को कभी कभी ये केमिकल लोचा कर के परेशान करता है।महाराज वो तो फ़िलिम की बात थी अबे नही सच मे ये बापू बहुत लफ़ड़ा करता है।इससे अपने लोगो को बचाने का है।कोई आईडिया लगा।क्या आईडिया आया बताउंगा कल्।
13 comments:
bada dhansu post hai guru ...chhaa gaye aap
जय हो!
अरे यह कोनसी आत्मा ने आप को घेर लिया जो सब की निक्कर खींच रही है.... बहुत अच्छी अच्छी बाते बता रही है यह आत्मा तो, लेकिन सब निक्कमो को अपना बता रही है ?
मैने कहा जब सब अपने है महाराज तो फ़िर ये खूफ़ियागिरी करने की क्या ज़रूरत। अबे ऐसा नही है अपने भी बहुत से दुश्मन हैं?दुश्मन!
बहुत सटीक जा रही है ये श्रंखला. अगले भाग का इंतजार है. रामराम.
रोचक प्रस्तुति।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
ये महाराज का मूल स्थान क्या है, इधर हमारी तरफ भी बहुत देखा जाता है इन्हें।
बताना जरुर...इन्तजार लगा है!!
अनिल जी,
वास्तव में यह मेरे लिए भी आश्चर्य का विषय है कि आपने इतनी बढिय़ा पोस्ट लगातार किस्तों में लिखी है। मैंने आपके साथ काफी समय तक काम किया है, पर मैंने कभी नहीं सोचा था कि आप इस अंदाज में भी लिख सकते हैं। यह मेरे लिए एक सुखद आश्चर्य है। इस पोस्ट में जैसी गंभीरता है और जो मुद्दे हैं उस पर वास्तव में कोई सीरियल या फिल्म बनाई जा सकती है। आपकी यह स्क्रिप्ट अगर किसी निर्माता-निर्देशक के हाथ लग गई तो यकीन मानिए वह एक सुपर हिट फिल्म बना सकता है। आपने देश की सबसे बड़ी समस्या को छूने का काम किया है, बधाई।
यही तो दुख का विषय है।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
महाराज के बारे में जिज्ञासा बढ गयी है।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
"गन्दा है पर धंदा है ये"
ये महाराज अन्तराष्ट्रीय हैं पर अपने यहाँ इनका बखान कुछ ज्यादा ही है.
हमारे यहाँ एक बैंक डूबता है तो हाहाकार मच जाता है अमेरिका में पचासों डूब गए कहीं कोई कोई चू चपड नहीं चोर का माल चंडाल खाए
कलियुगी अवतार भ्रष्टराष्ट्र की जय
क्या कठिन शब्द ढूँढा है अनिल भाई रोमन में हिज्जे मिलाते पसीने आ गए :)
महाराज का राज जानने को है ब्लॉग समाज ...
भ्रष्ट राष्ट्र के मुंह पर तमाचा जड़ती एक और करारी पोस्ट.....आपने बता दिया कि हम सामाजिक सरोकारों के नाम पर उबाऊ भाषण ना देकर हलके-फुल्के अंदाज में भी अपनी बात कह सकते हैं....
साभार
हमसफ़र यादों का.......
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