पेश है सुरेश चिपलूणकर कट अति माईक्रो पोस्ट।हम उस देश मे रहते हैं जंहा पुलिस और एम्बुलैंस से ज़ल्दी आपके घर पिज़्ज़ा पंहुच सकता है।कहने को हल्का-फ़ुल्का मज़ाक है ये मगर है कड़ुवा सच।आज मुझे ये एस एम एस मिला जिसे मै आप लोगो के सामने पेश कर रहा हूं।इसके बाद भी कहोगे मेरा देश महान?
21 comments:
जहाँ पैसा बनाने की बात होगी वहाँ ऐसा ही होगा
माईक्रो लेवल पर यही सत्य है हमारे देश का.
सही है। इस के कारणों के पीछे ईमानदारी से जाया जाए।
Micro post mein Macro baat..
:)
एक सत्य जो बहुत कडबा है.
धन्यवाद
भाई वो अपना काम करने में माहिर हैं, ये अपना।
भाई ये युग कौन सा चल रहा है?
रामराम.
badhiya baat !
dhnyavaad !
पिज्जावालों को पुलिस में भेजकर देखा जाए !!
देश तो हर क्षेत्र में महान है ही। हम उस देश के वासि है जिस देश में ‘गंगा तेरी मैली’ बहती है:(
पुलिस को भी अगर घर पहुंचने पर कोई तयशुदा फीस मिले, तो शायद वह भी समय से पहुंचे।
ह ह हा।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
इसका एक ही इलाज है कि पुलिस महकमा प्राईवेट कर दिया जाए....:)
सही बात है...जब पुलिस, आदमी का पिज्जा बना देगी तो एंबुलेंस ही तो उसे वापिस घर भेजा जाएगा न !
बहुत ही कड़वी सच्चाई है.
पुलिस भी समय पर पहुँच सकती है, उन्हें बस पता चलना चाहिए कि कहॉं से हफ्ता मिल सकता है।
mera bhaart mahan .
ज्जा वालों को पुलिस वालों का हेड बना देना चाहिए........... सच बात..........
सुरेश चिपलूनकर कट अति माइक्रो पोस्ट पर सुरेश चिपलूनकर कट अति माइक्रो टिप्पणी :
?
( अनिल भाई इससे माइक्रो कुछ जमा नहीं /सुरेश भाई से खेद सहित )
तो फिर पहले पिज्जा ही खा लो,फिर पुलिस के पास जाओ.....और उनकी गन्दी गालियाँ खाकर वापस आ जाओ....!!
क्या कहें प्रभु.....समझ नहीं आ रहा इस मजाक पर हंसें या रोयें ??
साभार
प्रशान्त कुमार (काव्यांश)
हमसफ़र यादों का.......
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