Sunday, November 15, 2009

अब आप ही बताईये कि बापू का कहा मानू या चाचू का?

एक छोटी सी हल्कि-फ़ुल्की पोस्ट।उद्देश्य सिर्फ़ हाज़िरी लगाना ही नही थोड़ा सा हंसने हंसाने की कोशिश करके खुद भी हल्का होना है और औरों को भी ह्ल्का करना है।सन्डे का मज़ा लेने की गरज से लम्बी तान कर सोया था।फ़ोन भी कई बार घनघना कर थक़ गया था मगर वो नींद मे खलल डालने मे सफ़ल हो ही गया था।फ़िर शुरु हुआ एस एम एस टोन बज़ने का सिलसिला।मैं समझ गया ये छोटू मुदलियार ही होगा और मैंने उसे गाली बकने के लिये फ़ोन उठाया फ़िर न जाने क्यों उसके एक दर्ज़न से ज्यादा एस एम एस को पढने लगा।शायद उसमे गाली बकने का कारण ढूंढने के लिये।वो सिवाय अंट-शट एस एम एस के कुछ करता ही नही है और उसी के अनुरूप एक दो एस एम एस निकले भी,फ़िर जो एस एम एस था उसे पढ कर मै गुस्सा थूक कर मुस्कुराने पर मज़बूर हो गया। हो सकता है कि आप मे से कुछ लोगो को ये मिला भी हो ये उनके लिये भी है और उनके लिये भी जिन्हे नही मिला हो।उसका एस एम एस अंग्रेज़ी मे था इसलिये उसे अंग्रेज़ी मे ही पोस्ट कर रहा हूं.
Laziness is d biggest enemy!---Jawahar Lal Neharu.
Always love ur enemy ---Mahatma Gandhi.
ab bolo Bapu ka kaha maanu ya chachu ka.
happy childrens day.

ये पोस्ट शुद्ध हंसने हंसाने के लिये है।कृपया इसे अन्यथा नही लेंगे।किसी को बुरा लगे तो बच्चा या नादान समझ कर माफ़ कर देना।और मैं ये पोस्ट इस्लिये भी लिख रहा हूं क्योंकी मैं बापू का कहना मानता हूं और …………………………………………………………………………………………………………i love laziness.

23 comments:

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

हा-हा-हा-हा.... पीने वाला पीने के ढेरो बहाने ढूंढ ही लाता है ! अगर तथाकथित देश भक्त हिन्दुस्तानी है आप तो दोनों की बात माननी पड़ेगी !

Unknown said...

किस-किस को गाइये, किस-किस को रोइये, आराम बड़ी चीज है, मुँह ढाँप कर सोइये। :-)

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद said...

लो जी! हमने हाज़िरी लगा दी। बाप बडा न चाचा- सब से बडा आक़ा :)

Dr. Shreesh K. Pathak said...

अहा....मज़ा आ गया..सही में...काश स्कूल के दिनों में ये पता होता तो पापा जी को कह पाता और सो पाता...

मनोज कुमार said...

बहुत मज़ा आया... SMS को पढ़करष हा-हा-हा-हा..

अजय कुमार said...

अब पत्नी को convince कर लूँगा

Anonymous said...

सही है...वो याद आ गया..Love is magic & magic is nothing but illusion :-)

राज भाटिय़ा said...

अजी ना चाचू की मानो ना बापू की... अब तो बस सोनिया वाई की मानो

विष्णु बैरागी said...

कबीर की किसी उलटबांसी को जीने जितना ही मुश्किल है इस वाल का जवाब।
इसे केवल परिहास तक ही सीमित रखने में सबकी भलाई है।
बहरहाल, यह सब पढकर हंसी रोकना मुश्किल ही हुआ।

डॉ महेश सिन्हा said...

आराम बड़ी चीज है मुह ढँक के सोइये :) सोते रहेंगे तो दुश्मनी भी नहीं होगी ::))

श्रद्धा जैन said...

Ise kahte hain apne matlab ki baat dhoondh nikalna
main bhi bapu ki baat hi manungi

hahahaha
sunday ko to alas karna hi achcha lagta hai

Udan Tashtari said...

हा हा!! बापू की ही मानो, दोनों कवर हो जायेंगे. :)

सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी said...

सोनिया जी की मानो भाई। यानि सारे फैसले खुद करो लेकिन दूसरों की बुद्धि से और दूसरों के नाम पर। :)

बहुत रोचक एस.एम.एस.रहा। शुक्रिया।

VIJAY ARORA said...

अजी जैसा वक़्त हो , उसका कहना मान लो , दोनो खुश

दीपक 'मशाल' said...

sahi kaha aapne... chaliye ab aalsi hone ka bahana mil gaya.. :)
Jai Hind...

सूर्यकान्त गुप्ता said...

आराम शब्द में राम छुपा जो भव बंधन को खोता है
आराम शब्द का ज्ञाता तो विरला ही योगी होता है
तो भाई साहब आप तो बन गए योगी
निकल लिए वक्त हँसाने को हमें
ऐसे हंसते हंसाते देश के लिए काम आते
देश कि नैया भी पार होगी

Pratik Maheshwari said...

achha hai achha hai..
hum bhi agar bachhe hote.. :)

Jyoti Verma said...

what a joke!!!!
very funny....
I love leziness

Sudhir (सुधीर) said...

मजेदार ! बहुत खूब...हम तो दोनों का कहना मानते हुए अभी भी आलस्य से प्रीत लगाये बठे हैं ...

शरद कोकास said...

इस देश मे बहुत से अवसर वादी है मौका पड़े तो बापू का ,मौका पड़े तो चाचू का । अपने बारे मे हम कुछ न ही कहे तो अच्छा है .. बापू का एक बन्दर ।

Science Bloggers Association said...

हमारे होठों पर भी हंसी आ ही गयी।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }

Rakesh Singh - राकेश सिंह said...

मस्त रही ....

Sulabh Jaiswal "सुलभ" said...

गंभीर विषयों पर विभिन्न पोस्ट पढने के बाद आपके पोस्ट पढ़कर सहसा ही हंसी आ गयी.

हा. हा. हा.. शुक्रिया आपका.

- सुलभ