रायपुर।देश में जहां एक ओर आतंकी हमले की आशंका हमेशा बनी रहती है, वहीं नक्सलियों के हमले के बारे में अक्सर सुनने व पढ़ने को मिलते हैं। इस साल नक्सली हमले जितने हुए उससे एक बात तो कही जा सकती है कि जितना आतंकियों ने उत्पात नहीं मचाया होगा, उससे कही ज्यादा कोहराम नक्सलियों ने मचा रखा है। इस साल नवम्बर तक नक्सलियों ने देश के 6 मुख्य नक्सल प्रभावित राज्य़ों में कुल 1,476 हमले किए, जिसमें 500 से अधिक लोग मारे गए।
उल्लेखनीय है कि 2010 में भी माओवादियों ने लगभग 626 आम नागरिकों की हत्या की थी। जिसमें संघर्ष के दौरान 277 सुरक्षा जवान मारे गए। इस साल नक्सलियों द्वारा किए गए हमलों से संबंधित आंकड़ों पर एक नजर:
2011 में नक्सली हमले में अब तक मारे गए- 513 ( मारे गए)
छत्तीसगढ़ से 182 ( सर्वाधिक) ( मारे गए)
झारखंड से 137 ( मारे गए)
महाराष्ट्र से 50 ( मारे गए)
बिहार और उड़ीसा से 49 ( मारे गए)
पश्चिम बंगाल से 40 ( मारे गए)
अन्य- 5( मारे गए)
नक्सली हमले से प्रभावित वर्ग
आम नागरिक 389 ( मारे गए)
सुरक्षाकर्मी 124 ( मारे गए)
वहीं इंडस्ट्रीज, रेल्वे, टेलीफोन एक्सचेंज टावर, पावर प्लांट, माइनिंग, पंचायत भवन और स्कूल बिल्डिंग को नुकसान पहुंचाने के मकसद से नक्सलियों ने 219 बार हमला किया।
इन आंकड़ों पर गौर फरमाने के बाद एक बात ये भी सामने आती है कि सुरक्षाकर्मियों ने भी इन नक्सलियों से टक्कर लेने में कोई कोताही नहीं बरती है। सुरक्षाकर्मियों ने इस साल अब तक 1,728 नक्सलियों की गिरफ्तारी की है, जबकि 546 हथियार इन नक्सलियों के पास से जब्त हुए हैं। साथ ही बीते 11 माह में 344 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। साभार दैनिक भास्कर्।
5 comments:
पता नहीं उत्पातों को कब तक सहते रहेंगे?
सॉरी, आतंकवादी और नक्सली में कोई फर्क है क्या? दोनो ही फेनॉटिक हैं। रक्तपिपासु!
यह चिन्ता का विषय है!
न सिर्फ चिंताजनक है बल्कि अफसोसनाक भी है.....
सरकार नक्सल इलाकों में फोर्स की भीड बढाने में ही ध्यान दे रही है पर विकास को तवज्जो नही है....
यह चिन्ता का विषय है| धन्यवाद|
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