जंहा शैतान की औलाद बसती हो,वो जगह पाक हो ही नही सकती
सुनते आ रहा हूं पता नही कब से के बच्चे भगवान का स्वरुप होते हैं,पता नही उनसे क्या खतरा था कि किसी को जो उनपर गोलियां चलानी पड गई?दुनिया का कौन सा धर्म,कौन सा पंथ,कौन सा संप्रदाय इस बात की अनुमति देता है,समझ से परे है.फूल जैसे बच्चों पर जो गोलियां बरसा सकता हो वो इंसानियत का दुश्मन ही हो सकता है,शैतान की औलादों को जो सरंक्षण दे रहा है वो निश्चित ही शैतान की ही औलाद होगा,और जंहा शैतान की औलाद हैवानियत का नंगा नाच करे वो जगह पाक तो हो ही नही सकती,वो नापाक नर्क ही है,है नही तो बन जरुर जायेगा.आमीन.हे प्रभु उन नन्हे फरिश्तों को अपनी शरण में ले लेना.
2 comments:
दुखद...एक कायराना हरकत।
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (17-12-2014) को तालिबान चच्चा करे, क्योंकि उन्हें हलाल ; चर्चा मंच 1829 पर भी होगी।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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